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________________ 80 जीव विचार प्रश्नोत्तरी 008528 736) देवों का कितने प्रकार का आहार होता हैं ? उ. चार प्रकार का 1) उत्तम वर्ण वाला 2) उत्तम गंध वाला 3) उत्तम रस वाला 4) उत्तम स्पर्श वाला 737) किन चार कारणों से मनुष्य लोक एवं देवलोक में अंधकार होता है ? उ. 1) तीर्थंकरों का विच्छेद होने पर। 2) तीर्थंकर प्ररूपित धर्म का विच्छेद होने पर। 3) पूर्वगत श्रुत का विच्छेद होने पर। 4) अग्नि का विच्छेद होने पर। 738) किन चार कारणों से मनुष्य लोक और देवलोक में प्रकाश होता है, देवों के आसन चलायमान होते हैं, देव मनुष्य लोक में आते हैं ? उ. 1) तीर्थंकरों के च्यवन एवं जन्म कल्याणक के अवसर पर। 2) तीर्थंकरों के दीक्षा कल्याणक के अवसर पर / 3) तीर्थंकरों के केवलज्ञान कल्याणक के अवसर पर। 4) तीर्थंकरों के निर्वाण कल्याणक के अवसर पर। 739) संपूर्ण लोक में ऐसी चार चीजें कौनसी हैं जो समान रूप से एक लाख योजन विस्तार वाली हैं? उ. 1) सातवीं नरक में स्थित अप्रतिष्ठान नामक नरकावास 2) जम्बूद्वीप 3) सौधर्मेन्द्र का पालकयान नामक विमान 4) सर्वार्थसिद्ध विमान / 740) सम्पूर्ण लोक में ऐसी चार चीजें कौनसी हैं, जो समान रूप से 45 लाख योजन विस्तार वाली है ? उ. 1) प्रथम नरक में स्थित सीमन्तक नामक नरकावास 2) अढीद्वीप 3) सौधर्म देवलोक के प्रथम प्रतर का मध्यवर्ती उड्डविमान 4) सिद्धशिला। 741) किन चार कारणों से जीव और पुद्गल लोक से बाहर (अलोक) गमन / करने में समर्थ नहीं है ? -
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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