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________________ An SHESजीव विचार प्रश्नोत्तरी SSB 678) एक काल चक्र कितने सागरोपम का होता है ? उ. बीस कोडाकोडी सागरोपम का। 679) पल्योपम के कितने प्रकार होते हैं ? उ. तीन प्रकार का- 1) उद्धार पल्योपम 2) अद्धा पल्योपम 3) क्षेत्र पल्योपम। . 680) उद्धार पल्योपम के कितने भेद होते हैं ? उ. दो भेद- 1) बादर उद्धार पल्योपम 2) सूक्ष्म उद्धार पल्योपम। 681) बादर उद्धार पल्योपम किसे कहते है ? उ. उत्सेधांगुल प्रमाण से एक योजन लम्बे, एक योजन चौडे और एक योजन गहरे कुएं में देवकुरू-उत्तरकुरू क्षेत्र के सात दिन के युगलिक शिशु के एक बाल के सात बार आठ-आठ टुकडे करना / एसे संख्यात टुकडों से वह कुआं इस तरह भरा जाये कि . वे टुकडे आग से जल न सके, पानी से न बह सके, हवा से न उड सके। यदि चक्रवर्ती की सेना भी उपर से निकले तो भी हिल न सके। उस कुएं में से प्रत्येक समय एक-२ टुकडा निकालना। जितने काल में वह कुआं खाली हो, उसे बादर उद्धार पल्योपम कहते है। 682) सूक्ष्म उद्धार पल्योपम किसे कहते है ? उ. बादर उद्धार पल्योपम की भाँति कुए में सात दिन के नवजात शिशु के एक बाल के असंख्य टुकड़े किये जाये, कुए को पूर्ववत् भरा जाये और प्रति समय एक-एक टुकडा निकाला जाये। जितने समय में वह कूप (कुआं) खाली हो, उसे सूक्ष्म उद्धार पल्योपम कहते है। 683) अद्धा पल्योपम के दोनों भेद समझाइये ? उ. 1) बादर अद्धा पल्योपम- बादर उद्धार पल्योपम की भाँति भरे हुए कुएँ में से प्रति सौ वर्ष में बाल का एक टुकडा निकाला जाये। जितने समय में वह कुआं खाली हो, उसे बादर अद्धा पल्योपम कहते है। 2) सूक्ष्म अद्धा पल्योपम- सूक्ष्म उद्धार पल्योपम की भाँति भरे हुए कुए में प्रति सौ वर्ष में एक टुकडा निकाला जाये और जितने समय में वह खाली हो, उतने समय को
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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