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________________ 42 . 72... RESTHETI जीव विचार प्रश्नोत्तरी ARTH 467) मनुष्य लोक में कितने सूर्य-चन्द्र हैं और किस प्रकार स्थित हैं ? उ. मनुष्य लोक में एक सौ बत्तीस सूर्य और एक सौ बत्तीस चन्द्र हैं जो इस प्रकार है चन्द्र जम्बूदीप में लवण समुद्र में धातकी खण्ड में कालोदधि समुद्र में 42 42 पुष्करार्ध में 132 132 468) एक चन्द्र के परिवार में कितने नक्षत्र, ग्रह और तारें होते हैं ? उ. 28 नक्षत्र, 88 ग्रह और 66975 तारें। 469) ज्योतिष्क देवों का स्वरूप बताओ? उ. जो लोक को प्रकाशित करते हैं, वे ज्योतिष्क देव कहलाते हैं / सूर्यदेव के मुकुट के अग्रभाग में सूर्य का चिन्ह होता है। इसी प्रकार चन्द्र, ग्रह, नक्षत्र, तारा देव के मुकुट में क्रमशः चन्द्र, ग्रह, नक्षत्र एवं तारे का चिन्ह होता है। 470) वैमानिक देवों के प्रमुख भेद कितने होते हैं ? उ. दो भेद-१) कल्पोपपन्न देव 2) कल्पातीत देव। 471) कल्पोपपन्न देव किसे कहते हैं ? उ. वे देवलोक, जिनमें छोटे-बडे, स्वामी-सेवक का संबंध होता है, मालिक एवं दास का व्यवहार होता है, उन्हें कल्पोपपन्न देव कहते हैं। नवग्रैवेयक, पांच अनुत्तर के अलावा समस्त कल्पोपपन्न देव होते हैं। 472) कल्पातीत देव किसे कहते हैं ? उ. वे देवलोक, जिनमें छोटे-बडे, स्वामी-सेवक तुल्य व्यवहार नहीं होता हैं, सभी में समानता होती हैं, उन्हें कल्पातीत देव कहते हैं। सभी कल्पातीत देव इन्द्रवत् होते हैं। अतः वे अहमिन्द्र कहलाते हैं।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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