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________________ SUPERHITE जीव विचार प्रश्नोत्तरी MERITERARIA चिन्ह होता है। ये चिन्ह उनके आभूषणों में होते हैं। 433) भवनपति से बारह देवलाकों में दस प्रकार के कौनसे देव होते हैं ? उ. 1) इन्द्र- सामानिक आदि समस्त देवों का स्वामी इन्द्र कहलाता है। 2) सामानिक- आयु में समान होने से पिता आदि की तरह पूज्य होते हैं परन्तु इन्द्रत्व नहीं होता। 3) त्रायस्त्रिंश- मंत्री या पुरोहित का काम करने वाले। 4) पारिषाद्य- मित्र का काम करने वाले। 5) आत्मरक्षक- शस्त्र धारण करके रक्षा करने के लिए साथ रहने वाले। 6) लोकपाल-सीमा के रक्षक। 7) अनीक- सेनापति और सैनिक / ८)प्रकीर्णक- नगरवासी या जनता के समान। 9) आभियोग्य- सेवक और दास। 10) किल्बिषिक- अन्त्यज के समान / 434) भवनपति देव किसे कहते हैं ? उ. प्रथम रत्नप्रभा नरक पृथ्वी की एक लाख अस्सी हजार योजन की जो मोटाई हैं, उसके उपर के हजार योजन और नीचे के हजार योजन छोडकर बीच के एक लाख अट्ठहत्तर हजार (1,78,000) योजन में स्थित भवनों एवं आवास स्थलों में रहने वाले देव भवतपति कहलाते हैं। आवास बडे मण्डप जैसे और भवन नगर के समान होते हैं। भवनपति देव दिखने में सुंदर होते हैं, सुकुमार एवं मनोहर होते हैं / मृदु, धीमी, मधुर चाल वाले एवं क्रीडापरल होते हैं। इसलिये इन्हें कुमार कहा जाता है। भवन बाहर से गोलाकार एवं भीतर से समचतुष्कोणिय होते हैं। नीचे से कमल की कर्णिका के आकार के होते हैं / ये शृंगार-प्रसाधनार्थ विशिष्ट प्रकार की क्रियाएँ करते रहते हैं। 435) भवनपति में असुरकुमार आदि दस देवों के मुख्य दो-दो इन्द्र कौन-२
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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