________________ - - ma - - 98580 जीव विचार प्रश्नोत्तरी N RITE जाती हैं। 6) निद्रा एवं जागृति- चन्द्रमुखी फूल चन्द्र खिलने के साथ खिलते हैं। उसके अभाव में संकुचित हो जाते हैं। सूर्यमुखी फूल सूर्योदय के साथ खिलते हैं, सूर्यास्त के बाद सिमट जाते हैं / आड आदि वृक्ष और अंभारी आदि के फूल कुछ समय के लिये खिलते हैं और बाद में मुरझा जाते हैं। 7) राग- पायल की रुनझुन की मधुर आवाज के सुनकर रागात्मक दशा में अशोक, बकुल, कटहल आदि वृक्षों के फूल खिल उठते हैं। .. 8) संगीत - मधुर धुन सुनकर कई वृक्षों के फूल जल्दी पल्लवित, पुष्पित और सुरभित होते हैं। 9) लोभ - सफेद आक, पलाश, बिलीवृक्ष आदि की जडें भूमि में दबे हुए धम पर फैल कर रहती हैं। 10) लाज/भय- छुईमुई आदि कई वनस्पतियाँ स्पर्श पाकर लाज/भय से संकुचित हो जाती हैं। 11) मैथुन- अनेक वनस्पतियाँ आलिंगन, चुम्बन, कामुक हाव-भाव एवं कटाक्ष से जल्दी फलीभूत होती हैं। पपीते आदि के वृक्ष नर और मादा साथ-साथ हो तो ही पल्लवित होते हैं। 12) क्रोध- कोकनद का वृक्ष क्रोध में हुंकार की आवाज करता हैं। 13) मान - अनेक वृक्षों में अभिमान का भाव भी पाया जाता है। 14) आहार संज्ञा - वृक्षों, पौधो को जब तक आहार-पानी मिलता हैं तब तक जीवित - रहते हैं। आहार-पानी के अभाव में सूखकर मर जाते हैं। 15) शाकाहारी/मांसाहारी-वनस्पतिकायिक जीवों में कुछ वनस्पतियाँ पानी, खाद आदि का आहार करती हैं और कुछ वनस्पतियाँ मनुष्य, जलचर, द्वन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय के मांस-रूधिर का भक्षण करती हैं / सनड्रयू और वीनस फ्लाइट्रेप आदि वनस्पतियाँ संपातिम (उडने वाले) जीवों का भक्षण करती हैं। 16) आकर्षण- कई वनस्पतियाँ फैलकर पास से गुजरते हुए मनुष्य, तिर्यंच आदि को -