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________________ 135 12% 138 140 141 143 144 BHART जीव विचार प्रकरण RBI 134 विजय देव अपर्याप्ता वैजयन्त देव पर्याप्ता वैजयन्त देव अपर्याप्ता जयन्त देव पर्याप्ता जयन्त देव अपर्याप्ता 139 अपराजित देव पर्याप्ता.. अपराजित देव अपर्याप्ता सर्वार्थसिद्ध देव पर्याप्ता 142 सर्वार्थसिद्ध देव अपर्याप्ता तिर्यग्जूंधक देवों के 20 भेद अन्नमुंभकदेव पर्याप्ता. अन्नमुंभकदेव - अपर्याप्ता 145 पानमुंभक देव पर्याप्ता पानमुंभक देव अपर्याप्ता वस्त्रजुंभकदेव पर्याप्ता 148 वस्त्रजुंभकदेव अपर्याप्ता लयनजुंभकदेव पर्याप्ता लयनजुंभकदेव अपर्याप्ता 151 पुष्पमुंभक देव पर्याप्ता पुष्पमुंभक देव अपर्याप्ता फलशृंभक देव पर्याप्ता 154 फलज़ंभक देव अपर्याप्ता 155 पुष्पफलमुंभकदेव पर्याप्ता 156 पुष्पफलभकदेव अपर्याप्ता 157 शयनजुंभकदेव पर्याप्ता 158 शयनजुंभकदेव अपर्याप्ता 146 147 व 149 150 152 153 -
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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