________________ साथ पूर्व दिशा की ओर बहती हुई लवणसमुद्र में मिलती है। इन दोनों नदीयों का परिवार 532006 532006 1064012 + 64 (32 विजयों की दो दो मुख्य नदीया). 1064076 ___ + 2 (सीता - सीतोदा) = 1064078 आगे के क्षेत्रों की 392012 + 1064078 कुल = 1456090 नदीयां ___ विजयों की६४ नदीयां कच्छ आदि 1 से 8 विजयों में तथा पद्मादि 17 से 24 विजयों में गंगा, सिंधू नामक और दूसरी 9 से 16 तथा 25 से 32 विजयों में रक्ता रक्तवती नामक नदीयां है। उनका प्रवाह, गहराई आदि भरत ऐरावत क्षेत्र के अनुसार है 8 गंगा, 8 सिंधु, 8 रक्ता, 8 रक्तवती ये 32 पूर्व-पश्चिम बहनेवाली नदीयां निषधनीलवंत के हृद में से निकलकर अपने चौदह - चौदह हजार परिवार के साथ, सीत-सीतोदा नदी में मिलती है। महाविदेह की 12 अन्तरनदीयां पूर्व महाविदेह में :- ग्राहवती. द्रहवती. पंकवती, तप्तजला, मत्तजला, उन्मत्तजला पश्चिम महाविदेह में :- क्षीरोदा, सिंहस्रोता, अर्न्तवाहिनी, उन्मालिनी, - फेनमालिनी, गंभीर मालिनी इस प्रकार 12 नदीयां है इनकी चौडाई 125 योजन गहराइ 2 // योजन है। | लघु संग्रहणी सार्थ (172) विजयों की एवं अन्तरादियाँ