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________________ चसदिअंगुलाइंजंबूदीवस्सगणियपयं||१०|| शब्दार्थ सत्त- सात कोडि- क्रोड सया- सो णउआ- नब्बे सयं-सो दिवड्डं-डेढ साहियं-अधिकता सहित गाउयमेगं- एक गाऊ (कोस) सया-सो छप्पन्न- छप्पन्न सयसहस्साई- (सो हजार)-लाख चउणउयं- चउरानवे सहस्सा- हजार . . धणूणि- धनुष पनरस- पंद्रह सट्ठि-साठ अंगुलाई- अंगुल गाथार्थ : सात सो नब्बे क्रोड, छप्पन्न लाख, चउरानवे हजार, देढ सो योजन से अधिक= एक गाउ, पंद्रह सो पंद्रह धनुष्य और साठ अंगुल७९०५६९४१५० योजन, 1 गाउ, 1515 धनुष्य, 60 अंगुल जंबूद्वीप का क्षेत्रफल है। विशेषार्थ : जंबूद्वीप के क्षेत्र में 1 योजन लंबी, 1 योजन चौड़ी इट के टुकडे रखे जाय तो 7905694150 इट रख सकते है, फिर भी थोडी जगह खाली रहती है उसमें 1. 1 गाऊ चौडा और 1 योजन लंबा टुकडा एक। 2. 1515 धनुष चौडा और 1 योजन लंबा टुकडा एक। 3.60 अंगुल चौड़ा और 1 योजन लंबा टुकडा एक। इस प्रकार तीन टुकडे रखने | लघु संग्रहणी सार्थ (140) गणित पद-क्षेत्रफल
SR No.004273
Book TitleDandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Original Sutra AuthorGajsarmuni, Haribhadrasuri
AuthorAmityashsuri, Surendra C Shah
PublisherAdinath Jain Shwetambar Sangh
Publication Year2006
Total Pages206
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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