________________ उत्तर प्रश्न- 163. आठों कर्मों के कुल कितने भेद हैं ? ज्ञानावरणीय कर्म के - 5 भेद दर्शनावरणीय कर्म के - 9 भेद वेदनीय कर्म के - 2 भेद मोहनीय कर्म के - 28 भेद आयुष्य कर्म के - 4 भेद नामकर्म के - . 103 भेद गोत्र कर्म के - 2 भेद अन्तराय कर्म के - 5 भेद 158 भेद हैं। प्रश्न- 164. आठों कर्मों की उत्कृष्ट स्थिति कितनी-कितनी है ? उत्तर- . 1. ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, वेदनीय तथा अन्तराय कर्म इन चारों की उत्कृष्ट स्थिति 30 कोटा-कोटि सागरोपम की है | 2. मोहनीय कर्म की उत्कृष्ट स्थिति 70 कोटा-कोटि सागरोपम की 3. नाम और गोत्र कर्म की 20 कोटा-कोटि सागरोपम की है / 4. आयुष्य कर्म की 3 सागरोपम की है। प्रश्न- 165. आठों कर्मों की जघन्य स्थिति कितनी है ? 218