________________ दीक्षा पश्चात् तुरन्त सर्वप्रथम यह ग्रन्थ पढ़ाया जाता है / इसके दस अध्ययन हैं / अर्थ सहित चार अध्ययन पढ़ने के पश्चात् बड़ी दीक्षा हो सकती है / अर्थ सहित पाँचवाँ अध्ययन पढ़ने के बाद गौचरी के योग्य बनता है / अर्थ सहित सातवाँ अध्ययन पढ़ने वाले को बोलने की, बातचीत करने की योग्यता प्राप्त होती उत्तर 4. पिंड नियुक्ति- इस ग्रन्थ में गौचरी वोहरते समय लगने वाले 42 दोषों आदि का वर्णन है / प्रश्न- 65. चूलिका सूत्र किसे कहते हैं ? वह कितने हैं ? चूलिका अर्थात् परिशिष्ट अथवा पूर्ति कहते हैं / वह दो सूत्र हैं / 1. नन्दी सूत्र, 2. अनुयोगद्वार सूत्र / / नन्दी सूत्र में पाँचज्ञान आदि शास्त्रों का वर्णन है / अनुयोग द्वार में आगम-शास्त्रों को पढ़ने की परिभाषा समझाई है। प्रश्न- 66. कुल आगम कितने हुए ? उत्तर- आगम 45 हैं। 11 अंग + 12 उपांग + 10 पयन्ना + 6 छेद सूत्र + 4 मूलसूत्र + 2 चूलिका = 45 आगम / वर्तमानकाल में 45 आगम विद्यमान हैं / प्रश्न- 67. पंचांगी किसे कहते हैं ? उत्तर- अपने पंचांगी रूप 45 आगम मानते हैं। . 1. मूल सूत्र 168