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________________ कुतुबुद्दीन के बाद गयासुद्दीन बादशाह हुआ उसने भी समरा शा के साथ घनिष्ठ प्रेम सम्बन्ध रखा / इस प्रकार समरा शा अनेक बादशाहों का प्रिय पात्र बना रहा / पूर्वजों की शोभा में वृद्धि करता हुआ समरा शा आराधना करता-करता एक दिन स्वर्ग सिधार गया / ___ समरा शा की मृत्यु के पश्चात् उसके पुत्र सालीग और सज्जनसिंह ने अपने पिता समरा शा और माता समरश्री की मूर्ति बनाकर वि. सं. 1414 में गिरिराज पर पधराई / इस प्रकार समरा शा ने इस पालीताणा में सिद्ध-गिरिराज का उद्धार किया / आज भी देशल शा समरा शा के द्वारा कराए हुए उद्धार में ऐतिहासिक प्रमाण गिरिराज पर मौजूद हैं / ___ पूर्व काल में श्रावक और श्राविका अपनी सम्पत्ति का सदुपयोग धार्मिक कार्यों में उदारं हृदय से करते थे / उनका आदर्श जीवन आज भी सभी के लिए प्रेरणास्पद है। . धारयति इति धर्मः / . ध्रियते अनेन-इति धर्मः || जो वस्तुतत्व को, व्यक्ति को धारण करता है, अस्तित्व में बनाये रखता है, वह धर्म कहलाता है। . . 107
SR No.004266
Book TitleItihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPragunashreeji, Priyadharmashreeji
PublisherPragunashreeji Priyadharmashreeji
Publication Year2014
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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