________________ एकासना, भूमि पर शयन तथा ब्रह्मचर्य का पालन करूँगा। बत्तीस (32) वर्ष की युवावस्था वाले पुत्र बाहड़ ने यह कठोर प्रतिज्ञा की / सामन्तों ने मन्त्री की अन्तिम साधु का दर्शन वन्दन करने की इच्छा पूर्ण करने के लिए एक बहुरूपिये को ढूँढ लिया / उसे बनावटी साधु बना दिया / नवकार मन्त्र सिखा दिया और उसे मन्त्री के पास लाकर खड़ा कर दिया / रण मैदान में साधु का दर्शन करके मन्त्री की मुखमुद्रा प्रसन्न हो गई / उसने भाव से मुनि महाराज के चरण छूकर वन्दन किया / नवकार मन्त्र तथा मांगलिक का श्रवण किया और पंच परमेष्ठि में अपने मन को स्थिर करके अन्तिम श्वास को छोड़ा / 'पंखी उड़ गया प्रदेश / ' सभी के मन उदास हो गए / ____बहरूपिए को जब वेश उतारने के लिए कहा गया तो वह सोचने लगा कि अरे जिस मुनिवेश में मैंने गुजरात के मन्त्री उदयन जैसे धर्मात्मा का वन्दन लिया उस वेश को मैं कैसे छोड़ सकता हूँ | अब मैं तो जीवन भर साधु के वेश को नहीं छोडूंगा / उस बहरूपिए ने किसी सद्गुरू के पास जाकर विधिपूर्वक प्रवज्या ग्रहण की और अन्तिम समय गिरनार तीर्थ पर दो मास का अनशन करके कालधर्म को प्राप्त किया / सभी युद्ध में विजय प्राप्त करके जब पाटण में महाराजा कुमारपाल के पास आए तो सम्पूर्ण घटना सुनाकर उदयन के पुत्र बाहड़ ने कहा- महाराज ! मुझे गिरिराज का उद्धार कराना है कृपया आज्ञा दीजिए | कुमारपाल की आज्ञा लेकर बाहड़ ने शत्रुञ्जय तीर्थ का जीर्णोद्धार का महान कार्य चालू कर दिया / काष्ट के मन्दिर को पाषाण का मन्दिर बनाने के लिए अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पड़ा / परन्तु दो वर्ष में यह जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण हो गया उस जमाने में लगभग तीन करोड़ रु. खर्च हुआ | जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण होने का समाचार जैसे सन्देश वाहकों ने आकर बाहड़ मन्त्री को दिया तो मन्त्री ने प्रसन्न होकर सोने की बत्तीस जीभ उनको भेंट स्वरूप दी / थोड़े ही दिनों के बाद एक दूसरा व्यक्ति आया और उदास होकर बाहड़ मन्त्री के पास बैठ गया / मन्त्री ने पूछा- कहो क्या समाचार लाए हो ? वह 95