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________________ भेंट 21 दिव्य फल की पटरानी को भेंट 37 अवधूत का राजभवन में 22 पटरानी द्वारा अपने यार को आगमन / 38 सभाजनों द्वारा राज्य-तिलक 22 दिव्य फल का पुनः राजा के 39 असुर को बलि व उसकी .. पास आना __संतुष्टि 23 स्त्री चरित्र का विचार सातवा प्रकरण पृ. 42 से 47 25 भर्तृहरि की विरक्ति विक्रम का पराक्रम 42 27 संन्यास स्वीकृति 42 विक्रम का पराक्रम 27 मन्त्रीवर्ग की विनती 42 प्रजा की प्रसन्नता पाचवा प्रकरण पृ. 30 से 35 44 विक्रम का अग्निवैताल की - अवधूत को राज्य देने का ___ शक्ति नापना - निश्चय 30 46 विक्रम के पराक्रम से अग्नि३० अवधूत को राज्य देने का . वैताल की प्रसन्नता निश्चय 30 शोकविह्वल अवन्ती आठवा प्रकरण पृ. 48 से 55 30 श्रीपति का राज्याभिषेक तथा अवधूत कौन ? 48 48 अवधूत कौन ? मृत्यु 48 भट्टमात्र का आगमन 31 क्षत्रियों को राज्य सुप्रत करना और अग्निवैताल 49 अवधूत कौन ? का उपद्रव 49 माता-पुत्र का मिलन छठा प्रकरण पृ. 36 से 41 50 माता की भक्ति विक्रम का राज्यतिलक 36 / 52 दूसरे राज्यों का जीतना 36 विक्रम का राज्यतिलक 53 माता की मृत्यु Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004265
Book TitleMaharaj Vikram
Original Sutra AuthorShubhshil Gani
AuthorNiranjanvijay
PublisherNemi Amrut Khanti Niranjan Granthmala
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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