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________________ 229 कूपमें उतरते राजा का 322 सिंह और व्याघ्र से खेती घोड़ा लेकर चोर का भागना ... करता हुआ किसान . को 238 सर्वहर चौर का वेश्या के राजा विक्रमादित्य देखता है - दरवाजे पर वापस आना 325 विपरीत शिक्षावाले.घोड़े से 243 काली वेश्या व देवकुमार . राजा का जंगलमें जाना व ___ का राजसभामें आना / घोडे का मरना 253 वृक्ष की शाखा में बँधे हुए . 329 तुरंत के जमे हुए बालकसे शब को लेने के लिये राजा / राजा की बातचीत विक्रमादित्य का आना 337 विक्रमचरित्र का त खेलना 254 योगी के सामने राजा . 361 भीम का विक्रमचरित्र को विक्रमादित्य का आना समुद्र में गिराना 264 मंत्रीने कोटी सुवर्ण द्रव्य 365 सर्वज्ञपुत्र जैनाचार्य श्री सिद्ध सूरिजी के पवित्र चरणोमें सेन दिवाकर सूरीश्वरजी ने चार धर दिया। श्लोक राजाके पास भेजे 285 विक्रमचरित्र का वल्लभीपरमें 368 मालिन का कनकधी के पास लक्ष्मी के पास आना फूल लेकर जाना 285 विक्रमचरित्र व राजपुत्री का 375 लिंगके प्रति पैर करके मिलन व रूप देखना अवधूत का सोना |377 लिंगस्फोटन 308 धर्मध्वज का प्राण त्याग करने 398 धर्मघोषसूरि का उपदेश गिरनार आना 401 शीव ओर धीर की सेना 314 सिह किसान का श्रेष्ट 407 विक्रमादित्य का बनाया ... कन्याके साथ लग्न - जैनमंदिर 317 राजकुमार विक्रमचरित्र व 408 शिवराजर्षि का धर्मबोध शुभमती का लग ...410 राजा विक्रमादित्य का दान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004265
Book TitleMaharaj Vikram
Original Sutra AuthorShubhshil Gani
AuthorNiranjanvijay
PublisherNemi Amrut Khanti Niranjan Granthmala
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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