________________ 367 मुनि निरजनविजयसंयोजित उसको राजा शीघ्र ही अपना आधा राज्य देंगे"। राजा की आज्ञा के अनुसार राजा के सेवकों ने नगर में स्थान स्थान पर पटह बजाकर घोषणा कर दी। अवन्तीपुर का हाल - पटह की घोषणा सुन कर मालिन को विक्रमचरित्र ने पूछा कि 'यह पटह क्यों बज रहा है और नगर के और कोई समाचार भी हैं क्या ? तब मालिन कहने लगी कि 'राजा अपने पुत्र को खोजने के लिये अपने सेवकों द्वारा नगर में पटह बजवा रहा है तथा वीर श्रेष्ठी का पुत्र भीम कल दूर देशसे आया है / वह अपने साथ स्वर्ण, रत्न आदि बहुत सी वस्तुयें लाया है / तथा मनोहर दिव्य शरीर वाली एक कन्या भी लाया है और उसने उस कन्या को अपने घर के समीप एक अलग घर में अपनी पत्नी बनाने के हेतु से रखी है।' तब विक्रमचरित्र ने मालिन से पूछा कि 'क्या तुम वहाँ जाओगी?।' मालिन ने उत्तर में कहा कि 'हम लोगों की सर्वत्र गति रहती है / वणिजों की, वेश्याओं की, मालिकाओं की, मनस्वी व्यक्तियों की, गूढ पुरुषों की, तथा चोरों की सर्वत्र गति रहती है।' इसके बाद विक्रमचरित्र ने एकान्त में जाकर फूल के पत्तों पर अच्छे श्लोकों को लिखकर उस मालिन को दिया तथा उसे कुछ आभूषण देकर खुश करदी फ़िर कहा कि 'हे मालिन ! यह उस स्त्री को एकान्त में दे देना तथा वह जो कुछ बोले वह सुन कर यहाँ चली आना / ' कनकधी को समाचार मिलना व पटह स्पर्श इसके बाद वह मालिन वहाँ गई और उसको कुमार का दिया Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org