________________ mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm wwmmmmmmmmmwwwwwww 358 विक्रम चरित्र अवन्ती की स्थिति जानना ____ एकदा विक्रमचरित्र ने भीमसे अवन्तीपुर का हाल पूछा तो उसने उत्तर दिया कि 'वहा महाराजा विक्रमादित्य नीति से पृथ्वी का पालन करते हैं / वहां का राजपुत्र चुपचाप चला गया था तब से उसकी चिंता हो रही है एक दिन एक चोर राजा के आभूषण आदि ले गया था, वह अभी तक पकडा नहीं गया है। इस बीच मैं उस नगर से बहुत सी वस्तु लेकर समुद्र मार्ग से वाहन द्वारा धनोपार्जन के लिये निकल पड़ा है। विक्रमचरित्र ने उसे कहा कि 'मैं ही राजा विक्रमादित्य का पुत्र हूँ। पृथ्वी में भ्रमण करता हुआ भाग्य संयोग से यहाँ आ गया हूँ / तथा यहा आकर राजा की कन्या से विवाह किया है। फिर विक्रमचरित्र ने अपने नगर चलने की इच्छा से कई बहु मूल्य वस्तुओं से. बड़े बड़े वाहन भर कर तैयार किये और अपनी स्त्री को राजा के पास प्रेम पूर्वक मिलने के लिये भेजी। उसने राजा के पास जाकर कहा कि 'हे तात! अवन्तीपुर के राजा विक्रमादित्य के पुत्र मेरे स्वामी अपने मातापिता से मिलने की इच्छा से यहाँ से प्रस्थान करने वाले हैं, इसलिये मैं आप से मिलने के लिये आई हूँ।' कनकसेन को विक्रमचरित्र के कुल आदि का पता लगना अपने जामाता के पिता तथा कुल आदिका सम्बन्ध जानकर राजा अपने मन में विचार करने लगा कि मैंने अपनी मूर्ख बुद्धि के कारण उसका बहुत तिरस्कार किया है। मैंने शत्रुराज्य Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org