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॥श्री स्थंभन पार्श्वनाथाय नमः।
· ॥श्री दादा गुरूदेवाय नमः। रखरतरगच्छ नभोमणि कवि सम्राट स्व. प.पू. आचार्य
श्री जिन कवीन्द्रसागर सूरीवश्वर जी म.सा. के शिष्टा रच्न गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनकैलाशसागर सूरि - श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ
मु.पो. मेवानगर, बालोतरा - 344025, जिला-बाड़मेर (राज.) ।
आशीर्वचन
साध्वी प्रियरंजना श्री जी
सादर सुखशाता
आपके द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 16.12.2013 को प्राप्त हुआ। यह जानकर अतीव प्रसन्नता हुई कि 'पंच-सूत्र' पर आधारित साधना परक पुस्तक का प्रकाशन किया जा रहा है। इस प्रकाशन से जैन समाज लाभान्वित होगा। इस प्रकाशन पर मेरी शुभकामना प्रेषित करता हूं।
गच्छहितेच्छु मच्या पिल्ला गच्छाचार्य श्री जिन कैलाशसागर सूरि .
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