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परिशिष्ट नं. ३
संदृष्टि २ गाथा नं० ७६की संस्कृत टीकामें छहों संहननोंके आकार इस प्रकार दिये गये हैं -
(१) वज्रवृषभनाराचसंहनन-
.
( २ ) वज्रनाराचसंहनन
(३) नाराचसंहनन
(४) अर्धनाराचसंहनन
(५) कीलकसंहनन
असम्प्राप्तासृपाटिकसंहनन
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