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धैर्य के लिए - ॐ ह्रीं अहँ श्री महावीरस्वामिने नमः । विश्व शांति और मांगलिक के लिए प्रत्येक घर में महीने में एक आयंबिल की तपस्या होनी चाहिए। भविष्यवाणियों का सारांश - हे जीव! तू जग जा, आराधना में लग जा और पाप से भाग जा! कम से कम आने वाले थोड़े वर्षों के लिए सभी पापों पर रोक लगा दें।
29 'टेन्शन टू पीस''ध्यान प्रयोग' चिंता चिता है जिंदे को जला देती है, इससे दूर रहो। आजकल मनुष्य को घर, दुकान, व्यवहार व्यापार प्रत्येक जगह में चिंता है यानि कि टेंशन
है।
विपश्यना, प्रेक्षा, टी.एम. आदि सभी ध्यान प्रवृत्तियाँ शरीर के रोग दूर करने की बात बताते हैं। जैन दर्शन कहता है कि सिर्फ शरीर का ही विचार करना आर्तध्यान है। जैन ध्यान आत्मा
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