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________________ काल से आलू सेवन का निषेध कहा है। जैन की पहचान निम्न बातों से होती है(१) जिन पूजा (२) जमीनकंद का त्याग (३) रात्रि भोजन त्यांग • जैन भाईयों जागो! आज कुछ स्वार्थी इंसान 'जैन' शब्द का दुरूपयोग करके जैनों को भ्रष्ट करने का एक षड़यंत्र खेल रहे हैं। जैन पॉव, जैन पीज्जा, जैन आमलेट, जैन आईसक्रीम आदि (जैन आमलेट में प्याज नहीं होता है लेकिन अण्डे का रस होता है।) चेत जाइये....... । एक बार पेट बिगड़ जाता है तो जीवन बिगड़ जाता है। • ऐसा कहते हैं कि जिसका खान-पान बिगड़ा उसका जीवन बिगड़ने में समय नहीं लगता । अन्न और मन की होट लाईन है। जैसा अन्न वैसा मन, जैसा आहार वैसी डकार । जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन, जैसा पीओगे पानी, वैसी निकलेगी वाणी । '' • तीन डिशों की चर्चा यहाँ पर विशेष तौर पर करनी है । गुड नाईट- 60 Jain Education Internationalor Personal & Private Use Ontwww.jainelibrary.org
SR No.004227
Book TitleGood Night
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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