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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर, भदेसर ___ यह घूमटबंद मंदिर मंगलवाड़ चौराहा से 18 किलोमीटर दूर है। उल्लेखानुसार, कथनानुसार यह मंदिर संवत 1800 के लगभग निर्मित है। यह द्वितीय श्रेणी का ठिकाना रहा है।सलूम्बर के रावल भीमसिंह के दूसरे पुत्र भैरवसिंह के वंशज हैं। इनको रावत की उपाधि दी। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है । इस पर संवत 2024 चैत्रसुदि 3 का लेख है। श्री आदीश्वर भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्याम पाषाण की 7" ऊँची प्रतिमा है । इस पर कोई लेख नहीं है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है । उत्थापित प्रतिमाएँएवं यंत्रधातु की: श्री आदीश्वर भगवान की 7' ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत 2051 का लेख है। Jaducahematoma wwwsanellsary.org For Personal private user um (75
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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