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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री अरनाथ भगवान का मंदिर, नंदवई यह पाटबंद मंदिर चित्तौड़ से 35 किलोमीटर दूर है। यह 200 वर्ष प्राचीन शांतिनाथ भगवान का मंदिर था।यह जिले में एक ही मंदिर है जहां पर श्वेताम्बर व दिगम्बर प्रतिमाएँ विराजमान है।दोनो समुदाय के सदस्य संयुक्त रूप से मिलकर कार्य करते है, पूजाअर्चना करते हैं। पूर्व में शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा चोरी हो जाने से श्वेताम्बर प्रतिमा श्री अरनाथ भगवान की विराजमान कराई गई। एक प्रतिमा चित्तौड़गढ़ से, एक बिजौलिया से लाकर विराजमान कराई गई। मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री अरनाथ भगवान की
(मूलनायक) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री महावीर भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 12" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2054 फाल्गुण कृष्णा सुदि 3 का लेख है। (यह दिगम्बर मूर्ति
श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 12" ऊँची प्रतिमा है। इस पर
संवत् 2054 का लेख है। (यह दिगम्बर मूर्ति है)। उत्थापित चल प्रतिमाएँव यंत्र: 1. श्री अरनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 3" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई
लेख नहीं है। श्री शांतिनाथ भगवान की धातु की 6" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है।
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