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________________ 5 6. 7. 11. मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 8. - 9 श्री ताम्रपत्र यंत्र 9 " x 7", 3" x 2" मंत्र युक्त है । 10. 1. 2. श्री धर्मनाथ भगवान की 12" ऊँची चतुर्विंशति प्रतिमा है। इस पर सं. 2038 का लेख है । श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 5" का है। इस पर सं. 2048 का लेख है । श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर सं. 2038 का लेख है I वेदी की दीवार के बीच प्रासाद देवी स्थापित है । दोनो ओर आलिओं में : श्री जिनेश्वर भगवान की 8" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है । इस पर सं. 2051 का लेख है । 1. 2. Jain Education International श्री पद्मावती देवी की श्याम पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2053 का लेख है। बाहर सभामण्डप में : श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 14" ऊँची प्रतिमा है। क्षेत्रपाल की दो प्रतीक प्रतिमाएँ 11” ऊँची स्थापित है । मंदिर में सुन्दर कांच की जड़ाई की हुई है। वार्षिक ध्वजा दिनांक 4 दिसम्बर को चढ़ाई जाती है । देखरेख समाज के निम्न प्रतिनिधि करते हैं । श्री पार्श्वयक्ष की श्याम पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है । इस पर सं. 2053 का लेख हैं । श्री अभयकुमार पंचोली, मोबाइल : 94607151178 श्री गुलाबसिंह जी पगारिया, मोबाइल : 9468659746 For sc58 Private Use Only .www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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