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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
8. - 9 श्री ताम्रपत्र यंत्र 9 " x 7", 3" x 2" मंत्र युक्त है ।
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श्री धर्मनाथ भगवान की 12" ऊँची चतुर्विंशति प्रतिमा है। इस पर सं. 2038 का लेख है ।
श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 5" का है। इस पर सं. 2048 का लेख है । श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर सं. 2038 का लेख है I
वेदी की दीवार के बीच प्रासाद देवी स्थापित है ।
दोनो ओर आलिओं में :
श्री जिनेश्वर भगवान की 8" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है । इस पर सं. 2051 का लेख है ।
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श्री पद्मावती देवी की श्याम पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2053 का लेख है।
बाहर सभामण्डप में :
श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 14" ऊँची प्रतिमा है। क्षेत्रपाल की दो प्रतीक प्रतिमाएँ 11” ऊँची स्थापित है । मंदिर में सुन्दर कांच की जड़ाई की हुई है। वार्षिक ध्वजा दिनांक 4 दिसम्बर को चढ़ाई जाती है । देखरेख समाज के निम्न प्रतिनिधि करते हैं ।
श्री पार्श्वयक्ष की श्याम पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है । इस पर सं. 2053 का लेख हैं ।
श्री अभयकुमार पंचोली, मोबाइल : 94607151178 श्री गुलाबसिंह जी पगारिया, मोबाइल : 9468659746
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