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5
6.
7.
उत्थापित धातु की प्रतिमाएं व यंत्र :
1.
दोनों ओर :
1.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
3.
श्री शीतलनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 7" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है।
वेदी की दीवार के बीच प्रासाद देवी की 4" ऊँची प्रतिमा स्थापित है ।
श्री नेमिनाथ भगवान की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2045 वैशाख शुक्ल 5 का लेख है।
श्री क्षेत्रपाल की चार प्रतीक मूर्तियां है। सभामण्डप में चित्रपट्ट बने हैं श्री गौतम स्वामी, पावापुरी, तारंगा जी, श्री घंटाघर महावीर, ऋषभदेव, नाकोड़ा भैरव आदि ।
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श्री गौमुख यक्ष की 10" ऊँची प्रतिमा है।
श्री चक्रेश्वरी देवी की 10" ऊँची प्रतिमा है ।
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उपाश्रय बना है वहाँ पर सभी सम्प्रदाय के साधु भगवंत ठहरते हैं । प्राचीन मंदिर होने की अवस्था में खेती की जमीन भी होगी। ज्ञात करना चाहिये। इस मंदिर की देखरेख समाज द्वारा की जाती है।
वार्षिक ध्वजा भादवा सुदि 5 को चढ़ाई जाती है ।
सम्पर्क सूत्र -
श्री मिश्रीलाल जी कोठारी
श्री मोतीलाल जी आंचलिया फोन : 01471-220053
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