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पापा जी
बाहर निकलते समय दाएं :
1.
2.
2.
3.
मंदिर से बाहर निकलने पर बाई ओर से दाई ओर बड़ी देवरी में :
1.
2.
3.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
3.
श्री मुनिसुव्रत भगवान की श्वेत पाषाण की 29" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है । इस पर कोई लेख नहीं हैं ।
धातु की प्रतिमाएं :
1.
4.
5.
श्री श्वेत पाषाण के 19 " x 19" के पाषाण पर 5" की पादुका है। इस पर सं. 1588 ज्येष्ठ सुदि 5 का लेख है। चारों ओर कुम्भ, कलश, नन्दाव्रत, मतस्य, कछुआ, फरसा आदि उत्कीर्ण हैं।
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श्री पद्मप्रभ भगवान (मूलनायक ) की पीत पाषाण की 13" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है ।
श्री पार्श्वनाथ भगवान (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 8" ऊँची प्रतिमा है।
देवरियों में -
1.
श्री आदिनाथ भगवान (मूलनायक के बाएं) की श्वेत पाषाण की 6" ऊँची प्रतिमा है ।
श्री जिनेश्वर भगवान की पंचतीर्थी प्रतिमा है । इस पर सं. 1531 वैशाख सुदि 3 का लेख है।
श्री जिनेश्वर भगवान की पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 1480 वैशाख सुदि 5 का लेख है।
श्री पार्श्वनाथ भगवान की 6" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है । इस पर सं. 1391 माघ सुदि 15 का लेख है ।
श्री जिनेश्वर भगवान की श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है ।
श्री चन्द्रप्रभ भगवान की श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है । लेख स्पष्ट नहीं है।
श्री जिनेश्वर भगवान की श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है ।
श्री चन्द्रप्रभ भगवान की पीत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है।
श्री चन्द्रप्रभ भगवान की श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1893 का लेख है।
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