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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री आदिनाथ भगवान का मदिर, कारूण्डा यह घूमटबंद मंदिर छोटी सादड़ी से 15 किलोमीटर दूर स्थित है। उल्लेखानुसार इस मंदिर को बछराज जी देवजी बाफणा ने संवत 1900 के लगभग में बनवाया।अतः यह मंदिर करीब 160 वर्ष प्राचीन है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है :1. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1926 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 19" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2065 का (श्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. द्वारा प्रतिष्ठित) लेख है। श्री नमिनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊंची है। इस पर सं. 2065 का लेख है। (श्री निपुर्णरत्न विजय जी म.सा. द्वारा प्रतिष्ठित) वेदी की दीवार के बीच आलिए में प्रासाद देवी श्याम पाषाण की 7' की प्रतिमा है बाहर आलिओं में: 1. श्री गोमुख यक्ष की श्याम पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं0 2065 का लेख है। 2. श्री चक्रेश्वरी देवी की श्याम पाषाण की 12" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं० 2065 का लेख है। वर्तमान का यह नूतन मंदिर है। इसके पीछे ही प्राचीन मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में है व उसके साथ काफी खुला भूखण्ड है। इस मंदिर की देखरेख श्री जैन संघ, छोटी सादड़ी द्वारा की जाती है। स्थानीय स्तर पर समाज की ओर से श्री मदन जी बापणा द्वारा की जाती है। मोबाइल : 96942 76812 Jain Education international Personenvae use only wajanelarary.org 278)
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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