________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
6.
श्री पार्श्वनाथ भगवान की 7" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1476 का लेख
7.
8-9
श्री जिनेश्वर भगवान की 4" ऊंची प्रतिमा है। इस पर घिसा हुआ सं. 1699 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की 1.7", 1.7" ऊंची प्रतिमा है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की 6" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1713 का लेख
10.
है।
11.
श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4" का हैं इस पर सं. 2049 का लेख है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार ताम्बा का चांदी का पॉलिश किया हुआ 2.7" का है। श्री जिनेश्वर भगवान की 3.7" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1636 का लेख
13.
बाहर: ___1. श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 11'' ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई
लेख नहीं है। ___ 2. श्री नाकोड़ा भैरव पीत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। निज मंदिर से बाहर निकलते समय दाई ओर स्वतंत्र मंदिर में : ___ 1. श्री वासुपूज्य भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 13 " ऊंची प्रतिमा
है। इस पर कोई लेख नहीं है। 2. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक के बाईं ओर)श्वेत पाषाण की 9"
ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1363 का लेख है। 3. श्री पार्श्वनाथ भगवान श्वेत पाषाण की (मूलनायक के दाईं ओर) 11" ऊंची
प्रतिमा है। इस पर सं. 1336 का लेख है। निज मंदिर से बाहर निकलते समय बाई ओर स्वतंत्र मंदिर में :
महावीर भगवान की श्वेत पाषाण की (मूलनायक) 13" ऊंची प्रतिमा है।
इस पर सं. 2055 का लेख है। 2. श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के बाएं)11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
सं. 1548 का लेख है। श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के दाएं) 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1545 का लेख है।
Jain Education International
For Personal Private Use Only
www.jainelibrary.org
(232)