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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 उत्थापित चल प्रतिमाएं: श्री पार्श्वनाथ भगवान की धातु की 8" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1409 का लेख | 2. श्री सम्भवनाथ भगवान की पीत पाषाण की 8" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1523 का लेख है। 3. श्री महावीर भगवान की 12" ऊंची चतुर्विशंति प्रतिमा है। इस पर सं. 1774 का लेख है। निज मंदिर से बाहर निकलते समय दाई ओर स्वतंत्र मंदिर: 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 25" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1774 माध सुदि 13 का लेख है। उत्थापित चल प्रतिमाएं: 1. श्री आदिनाथ भगवान की 8" ऊंची पंचतिर्थी प्रतिमा है। इस पर संव. 1485 का लेख है। 2. श्री जिनेश्वर भगवान की 10" ऊंची चतुर्विशंति प्राचीन प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट लेख है। 3. श्री श्रेयांसनाथ भगवान की 11" ऊंची चतुर्विशंति प्रतिमा है। इस पर सं. 1588 का लेख है। सभामण्डप में एक वेदी पर: श्री शांतिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 25" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1774 का लेख है। 2. श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 17" ऊंची प्रतिमा है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 19" ऊंची प्रतिमा है। ____ पाषाण की 15"X15" की चौकी पर 9 पादुका जोड़ी स्थापित ह। किनारे पर लेख उत्कीर्ण है। 5. ताम्बे का यंत्र 6"X3" का है। allon International For P www.jainelibrary.org 229 vate Use Only
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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