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________________ यह शिखरबंद मंदिर नगर के गोपालगंज मोहल्ले में स्थित है। यह मंदिर यति श्री भीमजी ने सं. 1837 से बनवाया। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : चर्तुमुखी प्रतिमाएं 1. (क) श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक ) श्वेत " पाषाण की 29 ऊंची प्रतिमा है । इस अस्पष्ट लेख है । श्री चन्द्रप्रभ भगवान का मंदिर, प्रतापगढ़ उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की : 1. (ख) श्री आदिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 29 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2056 माघ शु. 14 का लेख है। (ग) श्री शांतिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 29 ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2056 माघ शु. 14 का लेख है । (घ) श्री नमिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 29 ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2056 का लेख है। 2. 3. सभामण्डप में : Jain Education International प्रतिमाएं – 22 सिद्धचक्र - 2 सिद्धचक्र यंत्र ताम्बा 2 ये सभी प्राचीन प्रतिमाएं है जो पूर्व में भी इसी मंदिर में स्थापित थी । पृथक-पृथक आलिओं में स्थापित है :1. श्री ऋषभनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1862 का लेख है । मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 For P 225 Private Use Only श्री चन्द्रस्वामी www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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