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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
6. ऋषिमण्डल यंत्र चांदी का -1 7. बीस स्थानक यंत्र पीतल - 1 8. पद्मावती देवी की मूर्ति ताम्बे की-1 9. अष्टमंगल यंत्र -1
10. पादुका पट्ट चांदी का -1 निज मंदिर के बाहर: ___ 1. श्री ब्रह्मदेव यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। __2. श्री अशोका देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है।
3. श्री क्षेत्रपाल की मूर्ति 8" व 6" की है। मंदिर में प्रवेश करते समय बाई ओर:
प्राचीन मंदिर 300 वर्ष से स्थापित है, जिसको दादावाड़ी के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर एक छतरी है जो श्री जिनकुशल सूरि जी की छतरी बनी
है इसमें : 1. श्री चरण पादुका 11"X11" के पट्ट पर स्थापित है। यह चरण पादुका 275
वर्ष प्राचीन है। विभिन्न देवरियों में : 1. श्री नाकोड़ा भैरव पीत की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। 2. श्री घंटाकर्ण महावीर की श्वेत पाषाण की 146 ऊंची प्रतिमा है। 3. पादुका वस्तीमल जी की 5"X5" के चौकी पर स्थापित है।
4. पादुका श्री जिनदत्त सूरि जी की 6"X5" की चौकी पर स्थापित है। प्रथम मंजिल पर: 1. श्री शांतिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 17" ऊंची प्रतिमा
है। इस पर संवत् 1872 शाके 1736 का लेख है। 2. श्री शीतलनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 9" ऊंची
प्रतिमा है। इस पर वीर सं. 2512 का लेख है। 3. श्री शांतिनाथ भगवान की (दाएँ) श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस
पर सं. 1701 का लेख है।
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