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________________ श्री 'वासुपूज्य भगवान का मंदिर, बाड़ी (निम्बाहेड़ा) यह घूमटबंद मंदिर निम्बाहेड़ा से 18 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर करीब 150 वर्ष प्राचीन है उल्लेख भी संवत् 1900 के लगभग का निर्मित है। पूर्व में श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर रहा है, वर्तमान में श्री वासुपूज्य भगवान का है । इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है: 1. 2. 3. 4. 5. श्री वासुपूज्य भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है । इस पर वि. सं. 1646 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं ) श्याम पाषाण की 19 " ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2056 का लेख है। मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री शांतिनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं ) श्वेत पाषाण की 13” ऊंची प्रतिमा हे। इस पर संवत् 2019 वै. शु. 6 का लेख है । श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्याम पाषाण की 23 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1548 का लेख है। श्री महावीर भगवान की श्याम पाषाण की 8" ऊंची प्रतिमा है । इस पर कोई लेख नहीं है । बाहर श्री क्षेत्रपाल की 11" ऊंची प्रतिमा है, माली पन्ना का उपयोग होता है। मंदिर पर टाइल्स व रंगाई की हुई है। मंदिर का गर्भगृह, सभामण्डल, खेलामण्डप व बाहर खुला चौक है। यहां उपाश्रय व भोजनशाला है। समाज की ओर से इस मंदिर की देखरेख श्री शांतिलाल जी छाजेड़ (अध्यक्ष) मोबाइल : 9928199040 एवं श्री भँवरलाल जी चपलोत (मंत्री द्वारा की जाती है। फोन : 01477-2452152 Jain Education International For Perso 189 vate Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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