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मेवाड़ की धरती शुरवीरों और धर्मवीरों की धरती है.... भामाशाह और राणा प्रताप ने इस धरती की शान बढ़ाई है तो मेवाड़ में स्थापित प्राचीन तीर्थमालाओं, अतिप्राचीन तीर्थो एवं प्रभावक प्रतिमाजीओं ने इस धरती को विश्व की एक अनुठी धरोहर बनाई है...
आओ, इस ग्रंथ के जरिए मेवाड़ के तीर्थस्थलों की भावयात्रा कर जीवन को धन्य धन्य बनाएं
आचार्य हेमचंद्र त्रि आचार्य विजयहेमचंद्रसूरीश्वर जी म
सा.
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