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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
4. श्री महाकाली यक्षिणी की श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। 5. श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है।
उक्त सभी प्रतिमाओं के नीचे संवत् 2059 का लेख है। सभामण्डप बहुत बड़ा है, इसी में शत्रुजंय, सिद्धचक्र, गिरनार सम्मेत शिखर जी के पट्ट बने हुए हैं। मंदिर के बाहर रिक्त जमीन है।
वार्षिकध्वजामाघसुदि 13 को चढ़ाईजाती है। देखरेख पारीख परिवार द्वारा की जाती है। सम्पर्क सूत्र : श्री रत्नसिंह पारख, फोन : 01472-220071
श्री श्रेयासनाथ भगवान का मंदिर, निम्बाहेड़ा। यह शिखरबंद मंदिर निर्माणाधीन है जिसमें श्रेयांसनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की प्रतिमा विराजमान कराई जावेगी।प्रतिमाएँ मेहमान के रूप में अन्यत्र विराजमान हैं।
इस मंदिर के लिए श्री राजेन्द्र सूरि नाम का ट्रस्ट बना हुआ है। इसकी देखरेख इस ट्रस्ट द्वारा की जाती है। जिसमें श्रीरत्नसिंह जीपारीख प्रमुख है।
सम्पर्कसूत्र-01472-220071
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