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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
•श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बरमन्दिर
निम्बाहेड़ा
श्री आदिनाथ (ऋषभदेव) भगवान का मंदिर, निम्बाहेड़ा
यह पाटबंद(शिखरबंद )मंदिर चित्तौड़गढ़ से 30 किलोमीटर व निम्बाहेड़ा रेल्वे स्टेशन से एक किलोमीटर दूर नगर के माहेश्वरी मोहल्ला, पीपल चौक में स्थित है। यह मंदिर विजयगच्छ के यतिश्री के नाम से विख्यात है, कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण भी यतिश्रीने ही 400 वर्ष पूर्व में | कराया।
पूर्व में प्रतिमा उपाश्रय में विराजमान थी, अब उपाश्रय के ऊपर ही मंदिर (नवीन रूप से) का निर्माण करा प्रतिमाएँ विराजमान कराई गई। यह नगर मेवाड़ का द्वितीय श्रेणी का ठिकाना रहा है।यहां के शासकराठौड़ कहलाते हैं।
इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित है : 1. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्राचीन
प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। 2. श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची
प्रतिमा है। इस पर संवत् 2056 का लेख है। 3. श्री महावीर भगवान
की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2056 का लेख है। वेदी की दीवार के मध्य प्रासाद देवी की 7" ऊँची प्रतिमा है।
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