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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 er See श्री आदिनाथ का मंदिर, चिकारड़ा यह शिखारबंद मंदिर मंगलवाड़ चौराहा से असावरा माता की ओर जाने वाली सड़क से 10 किलोमीटर दूर ग्राम के मध्य स्थित है। कथनानुसार व उल्लेखानुसार यह मंदिर 150 वर्ष प्राचीन है। प्रतिमा पर उत्कीर्ण समय के आधार पर भी यहीसमय होता है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं : 1 श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है । इस पर कोई लेख नहीं है । 2 श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं ) श्वते पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है । इस पर संवत 1876 वैशाख सुदि 6 का लेख है । 3 श्री महावीर भगवान की (मूलनायक ले बाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है । इस पर संवत 1931 माघ वदि 7 का लेख है । उत्थापित धातु की प्रतिमाएँ: 1 श्री संभवनाथ भगवान की 7' ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है । इस पर संवत 1511 ___ आषाढ़सुदि 2 गुरूवार का लेख है । 2 श्री पार्श्वनाथ भगवान की 11" ऊँची प्रतिमा है । इस पर सं. 2056 का लेख है। 3-4-5 श्री पार्श्वनाथ भगवान की 1.5", 2', 2.5" ऊँची प्रतिमाएँ हैं । इन पर कोई लेख नहीं है । मंदिर की दो दुकानें है, स्थानकवासी सम्प्रदाय के सदस्यों के अधिकार में है। इसके अतिरिक्त 20 x 60' का प्लॉट है । वार्षिकध्वजापोषसुदि 12 कोचढ़ाई जाती है। मंदिर की देखरेख समाज के सदस्यों द्वारा की जाती है। वर्तमान में श्री बद्रीलालजी सोनी देखरेख करते हैं। लेकिन विशेषरूचि श्रीपूरणमलजीवीरानीद्वाराली जाती है। सम्पर्क सूत्र :मोबाइल : 9929413113 Jain Education International For Perspa 12 ge Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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