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प्रतिष्ठा होना शेष है ।
की
3. श्री वासुपूज्य भगवान (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 12" ऊँची प्रतिमा है। इसकी प्रतिष्ठा होना शेष है ।
उत्थापित चल प्रतिमाएँ धातु की :
1.
2.
श्री विमलनाथ भगवान का मंदिर, आरणी
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श्री आदिनाथ भगवान की 8 ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1511 माघ सुदि 5 लेख है ।
श्री श्रेयांसनाथ भगवान की 8 ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1556 वैशाख वदि 11 का लेख है ।
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
यह घूमटबंद मंदिर कपासन से 25 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर करीब 70 वर्ष प्राचीन है। उल्लेखानुसार संवत् 1990 का निर्मित है ।
मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं :
1. श्री
विमलनाथ भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 11 " ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1984 वैशाख शुक्ला 13 शुक्रवासरे का लेख है।
2. श्री सुमतिनाथ भगवान की (मूलनायक के दांए) श्वेत पाषाण की 12" ऊँची प्रतिमा है। इसकी
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