SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गर्भ गिराये जाते हैं, यह हिंसा तुरन्त रोकी जाय । 'एस्केप रीजिओनल प्रेपरेटरी' की सभा को संबोधित करते हुए 'भारत रत्न' मदर टेरेसा ने कहा था - 'गर्भपात... गर्भाशय में बालक की हत्या ही है...।' तत्कालीन प्रधानमंत्री से भी उन्होंने यह अनुरोध किया था कि गर्भपात का कानून रद्द किया जाय । ये नरपिशाच हैं ! डॉ. ओल्गा फेरफेक्स की रिपोर्ट के कुछ अंश कोलोजन से बनाये गये सौन्दर्य प्रसाधन, सुगंधीसाबू, शेम्पू के लिये कोलोजन प्राप्ति का सोर्स माँ के पेट में मारा गया भ्रूण हैं ! कैसे नरपिशाच हत्यारे है इस युग में !! तोबा !!! विभिन्न संशोधन के लिये एवं सौंदर्य प्रसाधनों के लिये भ्रूण को बेच कर लाखों रूपये का मुनाफा करने वाली कई संस्थाएँ देश-विदेश में कार्यरत है ! धिक्कार है उन्हें !! लाईफ मेगेजिन के लिये सातवर्ष तक मेहनत कर स्वीडिश फोटो ग्राफर लेनार्ट निल्सनने सर्व प्रथम गर्भ के फोटो लिये... स्टोकहॉम के पाँच सर्जनों की मदद ली... परिणाम स्पष्ट था । गर्भपात जीते जागते बालक की हत्या थी ! ___कायदे कानून और कुदरत का न्याय सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के तड़क-भड़क अप-टु-डेट आकर्षक बंद दरवाजों के पीछे ये नरसंहारक कत्लखाने कायदे और कानून के तहत आज निराबाध चल रहे हैं । डाक्टर्स, नर्से, सहायक-नर्स, स्वीपर्स मोटीवेटर्स और संतति नियमन विभाग के अन्यान्य कर्मचारी लोग अपने निर्वाह के लिए, भौतिक समृद्धि की भूख मिटाने के लिए, अधिक से अधिक महिलाओं को गर्भपात करवाने के लिए इन कत्लखानों के आगे क्यू बद्ध खड़ा करते जा रहे हैं । स्वास्थ्य मंत्री ने जिन आंकड़ों को प्रकाशित किया है वे तो अस्पतालों के है । अंधेरी गली गूचों में, दाईयों और ऊंट वैद्यों (नीम-हकीमों) के हाथ जो भ्रूण हत्याएँ और साथ ही साथ सगर्भा माताओं की गुप्त रूप से मौतें होती होंगी उसकी टोटल (कुल संख्या) तो किसी भी माई के लाल को मिलने वाली नहीं । वह तो ऑल्मायटी गॉड, रहमदिल परवरदिगार खुदाविन्द... परमपिता परमेश्वर... सर्वज्ञ वीतराग परमात्मा ही जान सकते हैं । बचाओ... बचाओ...!! | 23 Jain Education International For Personal & Private Use Only whorejamenorary.org
SR No.004218
Book TitleBhrun Hatya Maha Paap Bachao Bachao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy