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________________ 3. णरें णर विमाण रज्ज 4. विमाणु 5. रज्जई 6. वेरग्गा 7. कमलाउ 8. तणयाए तृतीया प्रथमा प्रथमा प्रथमा प्रथमा तृतीया वेरग्ग कमला तणया 9. ससाहिं ससा तृतीया गंगा भाभ 10. गंगाओ 11. करहो करह 12. गंथेणं गंथ 13. रहुणन्दणेहिं रहुणन्दण 14. दिवायरु दिवायर 15. कूव कूव 16. णयरजणा णयरजण 17. छिक्क छिक्क 18. भोयणाहिं भोयण 19. कम्में कम्म 20. णाणेण 21. सो FFEREE EFFE FEE FREE F = 2. EFFE + + + अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन/बहुवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन/बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन/बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन/बहुवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष बहुवचन उत्तम पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष बहुवचन अन्य पुरुष एकवचन प्रथमा प्रथमा तृतीया तृतीया प्रथमा प्रथमा प्रथमा प्रथमा तृतीया प्रथमा तृतीया प्रथमा प्रथमा तृतीया प्रथमा प्रथमा तृतीया तृतीया प्रथमा तृतीया पुल्लिंग एं नपुंसकलिंग उ नपुंसकलिंग इं नपुंसकलिंग 0+आ स्त्रीलिंग उ स्त्रीलिंग ए स्त्रीलिंग हिं स्त्रीलिंग ओ पुल्लिंग पुल्लिंग एणं पुल्लिंग हिं पुल्लिंग उ पुल्लिंग 0 नपुंसकलिंग 0-आ नपुंसकलिंग 0 पुल्लिंग हिं नपुंसकलिंग एं नपुंसकलिंग एण पुल्लिंग - नपुंसकलिंग - तीनों लिंग - स्त्रीलिंग - तीनों लिंग - तीनों लिंग - तीनों लिंग - स्त्रीलिंग - पुल्लिंग/ - नपुंसकलिंग तीनों लिंग - तीनों लिंग - णाण 22. तई तुम्ह ता अम्ह अम्ह 23. ताउ 24. अम्हे 25. मई 26. तुम्हेहिं 27. ता 28. तेण तुम्ह 29. ताहिं . . 30. अम्हइं ता अम्ह अन्य पुरुष बहुवचन उत्तम पुरुष बहुवचन तृतीया प्रथमा . (ग) .. मूलक्रिया प्रत्यय विभक्ति वचन लिंग कृदन्त . 1. हसिउ हस . अ प्रथमा एकवचन पुल्लिंग/नपुंसकलिंग भूतकालिक कृदन्त हसिउ हस इउ . - - - संबंधकभूत कृदन्त 2. णच्चन्त णच्च न्त प्रथमा एकवचन/ पुल्लिंग/नपुंसकलिंग/ वर्तमान कृदन्त बहुवचन स्त्रीलिंग ... 3. जीविओ जीव अ प्रथमा एकवचन पुल्लिंग भूतकालिक कृदन्त + अपभ्रंश अभ्यास उत्तर पुस्तक 91 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004213
Book TitleApbhramsa Abhyas Uttar Pustak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2011
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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