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आगम
(३४)
“निशीथ” - छेदसूत्र-१ (मूल) ---------- उद्देश: ---------
--------- मूलं [-]----..---- मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.........आगमसूत्र - [३४], छेदसूत्र - [1] “निशीथ" मूलं
चाचा
पूज्य आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागर सरीश्वरजी संशोधित: संपादितश्च
निशीथ सूत्र
मुद्रित पृष्ठरुपं - शत्रुजयतीर्थे शीलोत्कीर्ण: -सुरतनगरे तामपत्रोत्कीर्ण
"आगममंजुषा"या: उद्धृत-छेदसूत्रम्
वीर संवत २४६८
विक्रम संवत १९९८
सन् १९४२
निशीथ-छेदसूत्रस्य “टाइटल पेज"