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________________ २६. २७ २८. २९. ३०. साधुमार्गी जैन मूर्तिपूजक नहीं हैं → समीक्षा समीक्षा. स्थापनासत्य में समझफेर समीक्षा १४८ डॉ. हर्मन जेकोबी का अटल अभिप्राय समीक्षा... १५१ स्तूप निर्माण का कारण समीक्षा १५३ भक्ति या अपमान समीक्षा १५५ १५६ १५६ समीक्षा १५८ क्या जैन साधु ऐसा उपदेश दे सकते हैं ? → समीक्षा १६७ चैत्य शब्द के अर्थ → समीक्षा. १६९ ३१. विकृति का सहारा ३२. मूर्तियों की प्राचीनता से धर्म का सम्बन्ध ३३. ३४. ३५. बत्तीस सूत्रों के नाम से गप्प समीक्षा १७३ ३६. समीक्षा १८२ क्या टीका आदि भी मूल की तरह माननीय है → समीक्षा .. १७७ ३७. मूर्तिपूजा विषयक ग्रंथो की अप्रामाणिकता ३८. मूर्तिपूजा के विरूद्ध प्रमाण संग्रह → समीक्षा. ३९. उपसंहार का संहार १८४ समीक्षा .... १९४ ४०. २०२ आगम सूत्रो में जिनप्रतिमा का अधिकार ४१. आगमिक एवं मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में द्रव्यपूजा एवं भावपूजा का समन्वय ४२. मूर्तिपूजा नुं महत्व ४३. मूर्तिपूजा के जैनागमों में पाठ ४४. ज्ञाताधर्म कथा का पाठ आत्मारामजी महाराज का पत्र जडपूजा गुणपूजा का स्पष्टीकरण भगवति में ज्ञान शब्द प्रयोग सूचि भगवति में चैत्य शब्द प्रयोग सूचि ४५. ४६. ४७. ४८. ४९. ढुंढक मत विचार. ५०. मूर्ति Jain Education International श्रेष्ठ आलंबन. For Personal & Private Use Only २०४ २१२ २२५ २४३ २४४ २६५ २८१ २८४ २८६ २९२ www.jainelibrary.org
SR No.004077
Book TitleJainagam Siddh Murtipuja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherChandroday Parivar
Publication Year2014
Total Pages352
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size10 MB
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