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परिशिष्ठ-२ जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा
की
वही सातहजार शासगरचक्रवर्ती के दि )बेरेथे ऐसा कहते हो सो (३२सू
के मूलपा क र ----------------------- रागीर गंगालाया कहतेहभो(३)सत्र के मूलपाठ में कहा? सामने कमाना चोथा-नक्रती सनत्कुमार का पदेवने देवता मागे कहते सो(३२)सत्र के मूलपात्र में कहा है ? आठवां सुनूमचक्रवर्ति सातवां खरु साधने कोंगया कहते है।
मी (३२) सूत्रके मूलयामें कहा है? ---- ......! एमाबारनां ब्रह्मदत्तन्जक्रवत्ति को मारकर शाम के नूला
माह में कहा? १५ सिलवसालार)चक्रवति हुवे है जिसमें में रोचक जीवनी मोक्ष में गयकस्तो भाग ३२) स्कूल के मूलपाने कहा है?
मी अन्नशामलीकर) चक्रवतीयों को रिलतिकशास्त्र के पूर सालमाठ में कहा नजारा चक्रवतीयों की छावणाहनादशसूत्रके मूलपाठ
कहते हो सोना । का
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POSदेवाजलदेवकी स्कितिकनिकर
रमीसा-जी.
र नववासुदेवबलदेवो की नगगरना शसत्रके मूलपा में कहा है।
का वनिकरते सोजी पारण तीनवप्रतिवासुदेव कोचिंतिम) सूत्रके मूलपाठ में कहा है? नव्र प्रतिवासुदेवेंका अवगाहना शस्त्र
लगाना) सूत्र के मूलपाठ का है? पर नाब नारदके नाम तणावनोकाचरित्रीश सूत्रके मूलपाठ में। की है
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