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जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा
और जिनमंदिर व जिनमूर्तिपूजा श्री जैनागम सम्मत है - इस सिद्धांत की स्थापना करते- यदि किसी के विषय में कटुशब्द लिखा हो या किसी की भावना को ठेस पहुँचायी हो तो इसका मिच्छामि दुक्कडं
सुज्ञैः मयि उपकृत्य शोध्यम् जैनं शासनं जयतु ।
पिचकता
सगीत कता
Tin
सम्पत्ति
SAID00
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