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________________ (१७८) आदिनाथ-परिकरः (क) ॥६०॥ संवत् १४७९ वर्षे श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरि-पट्टालंकार-भट्टारक श्रीश्रीजिनभद्रसूरि प्रतिष्ठितम्। डागा । सा० आल्हा कारित श्रीआदिनाथस्य परिकर (ख) श्रीजिनभद्रसूरिराजोपदेशात् डा० सा० मोहण पुत्र सा० नाथू सा० देवाभ्यां सा० कन्ना सुत सा० नग्गा सा० नाल्हा चाचा सा० मंडलिक पुत्र काजा सा० कूड़ा पुत्र सा० वीदा जिणदास भादा प्रभृतिश्राद्धैः । (१७९) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८० वर्षे वैशाख सु० ३ उपकेशज्ञातौ दूगड़गोत्रे सा० रूपा भा० मोहिलहि पु० वीरधवलेन स्वभार्या वामहि श्रे० श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे श्रीहर्षसुंदरसूरिभिः॥ (१८०) चतुर्विंशतिपट्टः सं० १४८० वर्षे फागुण व० १० बुधे उप०ज्ञा० भं० मंडलिक भार्या माल्हणदे पुत्र ऊदा नींबा आका झांझण नींबा भार्या तारादे पुत्र सहसाकेन भार्या कपूरदे पुत्र देदा स० पितृ-पितृव्य-श्रेयसे श्रीचतुर्विं० का० प्र० खरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः (१८१) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४८२ वर्षे फा० सु० ३ उकेशवंशीय सा० जैसिंग सुत सामल भार्या सहजलदे सुत सा० जसा भा० जासलदे भ्रातृ देधर भार्या श्रा० संगाई स्वश्रेयोर्थं श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः॥ (१८२) देहरी-लेख: संवत् १४८३ वर्षे प्रथमवैशाख शुदि १३ गुरौ श्रीषरतरगच्छ-भट्टारक- श्रीजिनराजसूरिपट्टे श्रीजिनवर्द्धनसूरि [उपदेशेन] सा० ईश्वरसुत सा० मूंधराज सा० मेघा मीठडीया साजा भार्या वेजलदे पुत्र चंपु पुत्री गुरी तस्या [ :] द्वौ पुत्रौ सा० मीला सा० सूरीभ्यां देहरीकारापिता आत्मश्रेयसे । (१८३) संवत(त्) १४८३ वर्षे श्रीखरतरगच्छे महंतिआणि बंसे (शे) जवणपुरवास्तव्य ठाकुर मोल्हण पुत्र वीरनाथ श्रीआदिनाथ सदा प्रणमति सपरिवारं॥१॥ ___ (१८४) स्फटिकप्रतिमायाः सिंहासनोपरि ॥६०॥ संवत् १४८४ वर्षे वैसाख वदि पंचमी दिने कूकडागोत्रीय म० पादा पु० सा० महीपाल १७८. पार्श्वनाथ जिनालय, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २६२३ १७९. चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक ६९७ १८०. चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर : ना० बी, लेखांक ६९८ १८१. शांतिनाथ जिनालय, वोहारन टोला, लखनऊ : पू० जै०, भाग २, लेखांक १५०३ १८२. पार्श्वनाथ मंदिर, जीरावला: देहरी क्रमांक ३४ का लेख : अ० प्र० जै० ले० सं०, भाग ५, लेखांक १५१ १८३. लूणवसही, आबू : भँवर० (अप्रका०), लेखांक ५; विमलसही, आबू : अ० प्रा० जै० ले० सं०, भाग २, लेखांक १७६ १८४. संभवनाथ जिनालय, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २६९२ (४०) खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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