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________________ (२६३३) आदिनाथः सं० १९९९ मि० फा० सु० ५ इदं श्रीऋषभदेवजी आदिनाथबिंबं कारितं श्रीउसवालवंशज ताराचंद लखमीचंद प्रतिष्ठितं बृहद्भट्टारक श्रीजिनचंद्रसूरिभिः। __ (२६३४) जिनकुशलसूरि-प्रतिमा संवत् १९.... वर्षे ....... मासे...... पक्षे...... तिथौ....... वारे ओसवाल सूराणा गोत्रीय श्रीपूनमचंद्रस्य धर्मपत्नी श्रीमती जतनकुंवरेण भट्टारक दादा श्रीजिनकुशलसूरिभिः बिंबं कारापितं प्रतिष्ठापितं च। (२६३५) आदिनाथः आदिनाथबिंबं प्र० श्रीजिनहेम.... (२६३६) श्रेयांसनाथः श्रीश्रेयांसजिनबिंबं प्रतिष्ठितं च श्रीमबृहत्खरतरगच्छे। जं० यु० प्र० भ० श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः बीकानेर.......... (२६३७) मल्लिनाथः श्रीमल्लिनाथजिनबिंबं प्रतिष्ठितं च बृहत्खरतरगच्छे । जं० । यु० । प्र० । भ० । श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः श्रीबीकानेर. (२६३८) गौडी-पार्श्वनाथ-पादुका ॥ श्रीगौडीपार्श्वनाथस्य। ह्रीं श्रीजिनरत्नसूरिविजयराज्ये पं। प्र। श्रीअभयमूर्तिगणिः खरतरगच्छे प्रतिष्ठितं ___(२६३९) दादापादुका-युग्म भ० श्रीजिनदत्तसूरिः भ० श्रीजिनकुशलसूरिः (२६४०) दादापादुका-युग्म दादाजी श्रीजिनदत्तसूरिजी का चरण दादाजी श्रीजिनकुशलसूरिजी का चरण २६३३. अजितनाथ जिनालय, कटरा, अयोध्या: पू० जै० भाग २,लेखांक १६३९ २६३४. चन्द्रप्रभ जिनालय, बेगानियों में, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १६४५ २६३५. सुपार्श्वनाथ मंदिर, नाहटों में, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १७३२ २६३६. सुपार्श्वनाथ का मंदिर, नाहटों में, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १७५२ २६३७. सुपार्श्वनाथ का मंदिर, नाहटों में, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १७५१ २६३८. न्यात की बगीची, नागोरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ७२५ २६३९. इमलीवाली धर्मशाला, जयपुरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ७३१ २६४०. हीराबाड़ी, नागोरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ७४० (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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