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________________ महोत्सवेन शोभनलग्ने श्रीमूलनायकजिनबिंबं स्थापितं पुनः बिंबोभयपार्श्वजिन के परिकर सहित मूलनायक जी के स्थापन किये। (२४९३) मुनि-कपूरचन्द्र-पादुका सं० १९५३ रा मिती ज्येष्ठ वदि ५ तिथौ शनिवारे श्रीजिनभद्रसूरिशाखायां पं० प्र० कपूरचंद्रजी मुनिनां पादुका स्थापितं। ( २४९४) हितवल्लभगणि-पादुका सं० १९५३ शाके १८१८ ज्येष्ठ सुदि १४ तिथौ गुरुवासरे श्रीजिनभद्रसूरिशाखायां म। श्रीदानसागरजिद्गणि तत्शिष्य उ० श्रीहितवल्लभजिद्गणिनां पादुका (२४९५) धर्मवल्लभ-मुनिपादुका सं० १९५३ वर्षे शाके १८१८ मि० भाद्रवपद शुक्ल दशम्यां बुधवासरे पं० प्र० धर्मवल्लभ मुनिचरणन्यासः कारापितं तत्शिष्य वा० नीतिकमलमुनिना श्रीरस्तु शुभंभवतु।। (२४९६) अरनाथः ॥ सं० १९५३ फा० व० ५ गु० । श्रीअरिनाथजिनबिंबं श्रीजिनमुक्तिसूरिभिः आहोरनगरे स्थापितं जैपुर । (२४९७) माणिक्यहर्ष-चत्वरम् सं० १९५३ मि० चैत वदि १२ दिने श्री म। उ। माणिक्यहर्षगणीनां चत्वरमकारि। (२४९८) उपाश्रय-लेखः ॥ ब्रह्मा विष्णु शिव शक्ति आदि स्वरूप श्रीऋषभ वीतरागाय नमः दादासाहिब श्रीजिनकुशलसूरि संतानीय क्षेमधाड़ शाखायां श्रीसाधुजी महाराज पं० । प्र। श्रीधर्मशीलमुनिः तत्शिष्य पं। प्र। श्रीहेमप्रियमुनि पं। प्र। कुशलनिधान मुनिः तत्शिष्य पं। प्र। श्रीयुक्तिवारिधि रामलाल ऋद्धिसार मुनिना ओसवाल माहेश्वरी अग्रवाल ब्राह्मणादि समस्त बीकानेर वास्तव्य प्रजा के कुष्ट भगंदरादि अनेक कष्ट मिटाय कर के विद्याशाला तथा ज्ञानशाला स्थापना करी है, इसमें सर्व मतों के पुस्तक का भण्डार स्थापना करा है, इसमें ऐसा नियम किया गया है कि पुस्तक या विद्याशला जो कोई लेवेगा या बेचेगा सो सर्वशक्तिमान परमेश्वर से गुनहगार होगा चेला सपूतों की मालकी एक गद्दीधर को रहेगी अगर कपूताई करेगा दीक्षा लजावेगा तदारक पंच तथा कमेटी करेगी सं० १९५४ वै। शु। ५ २४९३. रेल दादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०९४ २४९४. रेल दादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०४९ २४९५. रेल दादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०७२ २४९६. पंचायती मंदिर, जयुपरःप्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ६५७ २४९७. रेल दादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०६२ २४९८. महो० रामलाल जी का उपाश्रय, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २५५३ (४३२) -खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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