SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 335
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१५४९) ज्ञानधर्म-पादुका श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचंद्रसूरिशाखायां वा० ज्ञानधर्मजी शिष्य वा० दीपचंद्रशिष्य देवचंद्रगणिभिः ज्ञानधर्मजी पादुके॥ (१५५०) जिनप्रभसूरिमूर्तिः श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनप्रभसूरीणां मूर्तिः (१५५१) जिनसागरसूरि-पादुका सं०..... ...चैत्र वदि २ दिने भट्टारक श्रीजिनसागर सूरि पादुके कारापिते.........................नारायणगणि। (१५५२) भावसिद्धि-पादुका ......खरतरगच्छे भट्टारक श्रीजिनधर्मसूरि राज्ये साध्वी भावसिद्धि पादुके। शिष्यणी जयसिद्धि कारापितं । श्रेयसे। ' (१५५३) जिनसुखसूरि-पादुका सं० १८०० वर्षे मिती वैशाख सुदि १३ श्रीमूलतान मध्ये श्रीजिनसुखसूरि-पादुका............. • (१५५४) पादुका-लेखः सं० १८०१ वर्षे मिती मिगसिर सुदि ५ वार स.............श्रीजिनचंद्रसूरि विजयराज्ये...........कास्य पादुका प्रतिष्ठिता करापिता। (१५५५) शिलालेखः सं० १८०३ वर्षे शाके १६६८ प्रवर्त्तमाने मगशिर सुदि २ दिने सोमवारे महाराज राजराजेश्वर महाराजा जी श्रीअभयसिंहजी कुंवर श्रीरामसिहंजी विजयराज्ये बृहत्खरतर श्रीआचार्यगच्छे। भट्टारक श्रीजिनकीर्तिसूरिजी वर्तमाने सति। श्रीबिलाडा नगरे कटारिया कलावत साह श्रीतुंताजी पुत्र गिरधरदासजीकेन जिनालय करापितः स्थानकोद्यमः उपाध्यायजी श्रीकरमचंद हरषचन्दाभ्यां कृतः कलावतश्रावकाणामपि विशेषोपदेशो दत्तस्तेनायं श्रीसुमतिनाथजी देवलो जातः.........द्गधर भीषन कमाभ्यां कृतः उपाध्याय श्री करमचंद गणि पं० हरषचंद गणि पं० प्रतापसीगणि प्रमुख सपरिकरेन बिंबं श्रीर्भवतु। १५४९. छीपावसही, शत्रुजय : भँवर० (अप्रका०), लेखांक २७ १५५०. छीपावसही, शत्रुजय : भँवर० (अप्रका०), लेखांक २९ १५५१. रेलदादाजी के बाहर, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक २१११ १५५२. चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक ५१ १५५३. महावीर जिनालय, बोरों की सेरी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १७२१ १५५४. रेलदादाजी, बीकानेर : ना० बी० लेखांक २०६८ १५५५. जैनमंदिर, बिलाड़ा (मारवाड़) : पू० जै०, भाग १, लेखांक ९३७ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) (२७७) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy