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________________ (१४४३) एकतीर्थीः श्री............नाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः। (१४४४) कपर्दियक्ष-प्रतिमा श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनमाणिक्यसूरि पट्टप्रभाकर युगप्रधान श्रीजिनचंद्रसूरि विजयराज्ये कपर्दियक्ष प्रतिमा कारापिता मं० सारंग पं० धर्मसिंधुरगणि........................सुमतिकल्लोल गणि प्रणमति २॥ __ (१४४५) श्रावक रतनसी प्रतिमा श्रा० श्रीरतनसी प्रतिरूप कारितं प्रतिष्ठितं खरतरभट्टारक श्रीजिनचंद्रसूरिभिः श्री (१४४६) श्राविका रंगादे प्रतिमा श्रीरंगादे प्रतिरूपकारितं प्रतिष्ठितं भट्टारक श्रीजिनचन्द्रसूरिभिरिति श्री (१४४७) पादुका-लेखः श्रीजिनकुशलसूरिणां पादुका कारापितां प्रतिष्ठितं श्रीश्रीजिनसिंहसूरिभिः कल्याणमस्तु। __ (१४४८) सुमतिसागर-पादुका श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्य महोपाध्याय पुण्यप्रधान जी शिष्य उपा० श्रीसुमतिसागरजी पादुके प्र० श्रीजिनसिंहसूरिभिः। (१४४९) पार्श्वनाथः श्रीपार्श्वनाथजी संगमरमर प्रतिमा श्रीभ० श्रीजिनराजसूरि गुणचन्द्रः शान्ति। (१४५०) उपा० साधुकीर्ति-पादुका श्रीसाधुकीर्ति उपाध्याय प्रवराणां पादुका प्रतिष्ठिते श्रीजिनराजसूरिभिः। १४४३. गोलछों का मंदिर, सरदारशहर: ना० बी०, लेखांक २३९७ १४४४. खरतरवसही, शत्रुजय, भंवर० (अप्रका०), लेखांक ९६; शत्रुजय गिरिना केटलाक अप्रकट प्रतिमालेखो, मधुसूदन ढांकी एंव लक्ष्मण भोजक, सम्बोधि Vo17 No. 4; देरी क्रमांक ४३९-शत्रुजयः श० गि० द०, लेखांक ११० १४४५. हाजा पटेल पोल का मंदिर, अहमदाबाद: भंवर (अप्रका०), लेखांक १ १४४६. हाजा पटेल पोल का मंदिर, अहमदाबाद: भंवर (अप्रका०), लेखांक २ १४४७. अजितनाथ जी का मंदिर, नगर, बाड़मेर: बा० प्रा० जै० शि०, लेखांक ८८ १४४८. छीपावसही, शत्रुजयः भंवर० (अप्रका०), लेखांक ४९ १४४९. शान्तिनाथ जी का मंदिर, पचपदरा, बाड़मेर: बा० प्रा० जै० शि०, लेखांक १०२ १४५०. छीपांवसही, शत्रुजयः भंवर० (अप्रका०), लेखांक १३ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) (२६१) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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