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आदिनाथ जिनशासन सेवा संस्थान में होने वाली सम्भवित योजनाओं का संक्षिप्त विवरण
हाल ही में हमारे ट्रस्ट ने चूलै के मालू भवन के पास 9000 वर्ग फुट का विशाल भुखंड खरीदकर 'आदिनाथ जिनशासन सेवा संस्थान' के नाम से निम्न शासन सेवा के कार्य करने का दृढ संकल्प करता है।
* विशाल ज्ञानशाला
* जैन धर्म के उच्च हितकारी सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार के लिए आवासीय पाठशाला... * जिसमें श्रद्धावान मुमुक्षु, अध्यापक, विधिकारक, मंदिर सेवक (पुजारी), संगीतकार, पर्युषण आराधक
इत्यादि तैयार किए जाएंगे। * निरंतर 24 घंटे पिपासु साधर्मिकों की ज्ञान सुधा शांत करने उपलब्ध होंगे समर्पित पंडिवर्य व अनेक गहन व ___गंभीर पुस्तकों से भरा पुस्तकालय। * बालक - बालिकाओं व युवानों को प्रेरित व पुरस्कारित कर धर्म मार्ग में जोडने का हार्दिक प्रयास।
* जैनोलॉजी में बी.ए., एम.ए. व पी.एच.डी. का प्रावधान। * साधु-साध्वीजी भगवंत वैयावच्च * जिनशासन को समर्पित साधु-साध्वी भगवंत एवं श्रावकों के वृद्ध अवस्था या बिमारी में जीवन पर्यंत उनके
सेवा भक्ति का लाभ लिया जाएगा। * साधु-साध्वी भगवंत के उपयोग निर्दोष उपकरण भंडार की व्यवस्था। * ज्ञान-ध्यान में सहयोग।
* ऑपरेशन आदि बडी बिमारी में वैयावच्च। * वर्षीतप पारणा व आयंबिल खाता * विश्व को आश्चर्य चकित करदे ऐसे महान तप के तपस्वीयसों के तप में सहयोगी बनने सैंकडों तपस्वियों के
शाता हेतु सामूहिक वर्षीतप (बियासणा), 500 आयंबिल तप व्यवस्था व आयंबिल खाता प्रारंभ हो चुका है। * धर्मशाला * चिकित्सा, शिक्षा, सार्वजनिक कार्य एवं व्यापार आदि हेतु दूर - सुदूर देशों से पधारने वाले भाईयों के लिए
उत्तम अस्थाई प्रवास व भोजन व्यवस्था। * शुद्ध सात्विक जैन भोजनशाला * किसी भी धर्म प्रेमी को प्रतिकूलता, बिमारी या अन्तराय के समय शुद्ध भोजन की चिंता न रहे इस उद्देश्य से बाहर
गाँव व चेन्नई के स्वधर्मी भाईयों के लिए उत्तम, सात्विक व स्वास्थवर्धक जिनआज्ञामय शुद्ध भोजन की व्यवस्था। * साधर्मिक स्वावलम्बी
* हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाली शुद्ध सात्विक एवं जैन विधिवत् रुप से तैयार की गई वस्तुओं की - एक जगह उपलब्धि कराना, साधर्मिक परिवारों द्वारा तैयार की गई वस्तुएँ खरीदकर उन्हें स्वावलंबी बनाना
एवं स्वधर्मीयों को गृहउद्योग के लिए प्रेरित कर सहयोग करना इत्यादि। * जैनोलॉजी कोर्स Certificate &DiplomaDegree in Jainology * जैन सिद्धांतों एवं तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास, दूर - सुदूर छोटे गाँवों में जहाँ गुरु
भगवंत न पहुँच पाये ऐसे जैनों को पुन: धर्म से जोडने हेतु 6-6 महीने के CorrespondenceCourse तैयार किया गये हैं। हर 6 महीने में परीक्षा के पूर्व त्रिदिवसीय शिविर द्वारा सम्यक् ज्ञान की
ज्योति जगाने का कार्य शुभारंभ हो चुका है। * जीवदया प्राणी प्रेम प्रकल्प योजना * मानव सेवा के साथ-साथ मूक जानवरों के प्रति प्रेम व अनुकम्पा का भाव मात्र जिनशासन सिखलाता है। जिनशासन के मूलाधार अहिंसा एवं प्रेम को कार्यान्वित करने निर्माण होंगे 500 कबुतर घर व उनके दानापानी सुरक्षा आदि की संपूर्ण व्यवस्था।
मोहन जैन सचिव आदिनाथ जैन ट्रस्ट
Bestha