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________________ AAAAAAAAAAAAAA8000000000000000 00000RPRAVAT इन छहों आरों का संक्षिप्त विवेचन इस चार्ट से हम समझ सकते है। आहार आरा नाम समय आवगाहना आयुष्य पसलियां आरा लगते | आरा उतरते - आरा लगते आरा उतरते | आरा लगते । आरा उतरते सुषमा- 4 कोड़ा कोड़ी 3 गाऊ - 2 गाऊ | 3 पल्योपम 2 पल्योपम 3 गाऊ 256 128_ सुषमा सगारोपम (6000 धनुष) (4000 धनुष) सुषमा 3 कोड़ा कोड़ी 2 गाऊ । 1 गाऊ2 पल्योपम 1 पल्योपम | 128 __64 सागरोपम सुषमा 2 कोड़ा कोड़ी | 1 गाऊ | 500 धनुष 1 पल्योपम 1 करोड़ पूर्व 64 दुषमा सागरोपम दुषमा 1 कोड़ा कोड़ी 500 धनुष ___7 हाथ 1 करोड़ पूर्व 100 वर्ष 32 सुषमा सागरोपम में झाझेरी 42 हजार वर्ष कम | 21000 वर्ष 7 हाथ 2 हाथ 100 वर्ष 20 वर्ष झाझेरी दुषमा 21000 वर्ष 2 हाथ - 1हाथ । 20 वर्ष - 16 वर्ष 8 4 दुषमा 3 दिन से एक बार 2 दिन से एक बार 1दिन से एक बार दिन में एक बार 15. दुषमा एक बार से ज्यादा अपरिमित आहार के कारण असंतुष्टि आरा पृथ्वी का । आहार प्रमाण संतान का पृथ्वी का पालन पोषण स्वाद पृथ्वी की सरसता मृत्यु उपरांत | | कल्पवृक्ष गति स्पर्श 49 दिन 10,000 वर्ष देवगति __10 तुवर की दाल जितना बैर जितना 64 दिन मिश्री से अधिक मीठा चीन से अधिक मीठा गुड़ जैसा 1000 वर्ष देवगति आवला जितना 79 दिन 100 वर्ष मक्खन जैसा रेशम के गुच्छ जैसा रूई की पैल जैसा रूई जैसा साफ कठोर कठोरत्तम 10 वर्ष चावल के मैदे जैसा नमक जैसा नीरस चारों गति + मोक्ष चारों गति + मोक्ष चारों गति नरक या तिर्यंच गति 1 वर्ष AAAAAAAAAAAAAAAAAAAA.......... A APrette-ORNOAAAAAAAAAAAAA........ A thaahARANA NalssansaAMAALAAAAAAAAAAAAAAA
SR No.004050
Book TitleJain Dharm Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirmala Jain
PublisherAdinath Jain Trust
Publication Year2010
Total Pages118
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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