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क्र० वि०सं० तिथि/मिति
| प्रतिमालेख/शिलालेख | प्राप्तिस्थान
सन्दर्भ ग्रन्थ
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प्रतिष्ठापक आचार्य या मुनि का नाम
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१५४२ | वैशाख सुदि ९ | मेरुप्रभसूरि
शुक्रवार
मुनिसुव्रत की धातु की | नया मन्दिर, जयपुर | विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
लेखांक ८२८ एवं विद्याविजय, पूर्वोक्त, लेखांक ४८५.
|२३७. | १५४३ | वैशाख सुदि ३ | देवकुंवरसूरि
सोमवार
धर्मनाथ की प्रतिमा पर | चन्द्रप्रभ जिनालय, उत्कीर्ण लेख
मांडवी पोल,
The Jain Image Inscriptions of Ahmedabad, No. 734.
अहमदाबाद
१५४८ | पौष वदि १३ । वीरचन्दसूरि के पट्टधर
सोमवार धनप्रभसूरि
श्रेयांसनाथ की धातु की | शांतिनाथ जिनालय, | विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग २, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
लेखांक १७५.
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१५४९ । माघ सुदि ५
सोमवार
| जयमंगलसूरि की
परम्परा के के पट्टधर पुण्यप्रभसूरि
अजितनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
| अजितनाथ जिनालय वाघनपोल, अहमदाबाद.
The Jain Image Inscriptions of Ahmedabad, No. 747.
| १५५० | माघ सुदि ५
गुरुवार
संभवनाथ की धातु की | शान्तिनाथ जिनालय, | विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | रामपुरा
लेखांक ८५९.
बृहद्गच्छ
२४१.१५५१
शिलालेख
तारापुर मन्दिर, माण्डवगढ़
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| वैशाख सुदि ६ । वादिदेवसूरि संतानीय शुक्रवार वीरदेवसूरि के शिष्य
अमरप्रभसूरि के पट्टधर कनकप्रभसूरि
श्रीनन्दलाल लोढा, “माण्डवगढ के | तारापुर मन्दिर का शिलालेख', जैनसत्यप्रकाश, वर्ष ३, अंक १, पृ० ४४-४८.
इतिहास